Wednesday, October 15, 2008

मुक्तक 2

उल्लास को आधार न दे तो कहना
बदले में पुरस्कार न दे तो कहना
तुम धूप से पौधे को बचाओ, सींचो
तब फूल यह महकार न दे तो कहना

संकल्प की नाव को वापस नहीं मोड़ा करते
काम कोई हो, अधूरा नहीं छोड़ा करते
दूर हो लक्ष्य तो करते नहीं मन को छोटा
रास्ते में कभी हिम्मत नहीं तोड़ा करते

डॉ. मीना अग्रवाल

1 comment:

समयचक्र said...

बढ़िया मुक्तक ...
नव संवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनाये ...