Monday, November 10, 2008

मुक्तक 25

जाने नदिया यह सपनों की जम क्यों गई
जाने मुसकान होठों पे थम क्यों गई
जन्म बेटी का होना अशुभ क्यों हुआ
किससे पूछूँ कि माता सहम क्यों गई !

ध्यान में है वो नादान लड़की अभी
झूठे वादे जो मन से लगाए रही
लौटकर फिर कभी जिसको आना न था
उसके स्वागत में पलकें बिछाए रही !

डॉ. मीना अग्रवाल

1 comment:

mehek said...

जाने नदिया यह सपनों की जम क्यों गई
जाने मुसकान होठों पे थम क्यों गई
जन्म बेटी का होना अशुभ क्यों हुआ
किससे पूछूँ कि माता सहम क्यों गई
bahut hi badhiya