Saturday, February 19, 2011

दृढ़ आधार

मन मेरे
तू क्यों रहता है
इतना बैचैन !
क्या तुझे पता नहीं
कि बचपन से अब तक
इसी तरह खामोश
रहना पड़ा है तुझे !
अब तो अपनी
आदत सुधार,
अब तो अपने
अनमोल समय को
इतना कुछ सोचने में
मत कर बेकार,
आदत डाल
सब-कुछ सहने की
और विरोध में
कुछ भी न कहने की
व्यर्थ भावों में न बहने की
ऐसा करने पर
तुझे अवसर मिलेगा
अपना काम करने का
अपने अमूल्य समय को
बचाने का
क्योंकि सोचने में तो,
मन उलझता ही जाता है।
उसे विचारों के चक्रव्यूह से
बाहर निकलने का
अवसर ही नहीं मिलता;
जिस समय
बहुत कुछ रचनात्मक
किया जा सकता है
वह समय
व्यर्थ की उलझनों में ही
चुक जाता है,
इसलिए मन मेरे
तू स्वयं को पहचान
दे मजबूत आधार
जिससे कर पाऊँ
कुछ रचनात्मक
कुछ ऐसा
जो बन सके
उदाहरण
और मेरे बाद भी
उसे दोहराएँ
आने वाली पीढ़ियाँ ।

डॉ.मीना अग्रवाल

7 comments:

Sawai Singh Rajpurohit said...

आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के
महत्वपूर्ण दिन "अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को "सुगना फाऊंडेशन जोधपुर "और "आज का आगरा" की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपका आपना

हरीश सिंह said...

आदरणीय डॉ. मीना जी, सादर प्रणाम

आपके बारे में हमें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर शिखा कौशिक व शालिनी कौशिक जी द्वारा लिखे गए पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली, जिसका लिंक है...... http://www.upkhabar.in/2011/03/jay-ho-part-3.html

इस ब्लॉग की परिकल्पना हमने एक भारतीय ब्लॉग परिवार के रूप में की है. हम चाहते है की इस परिवार से प्रत्येक वह भारतीय जुड़े जिसे अपने देश के प्रति प्रेम, समाज को एक नजरिये से देखने की चाहत, हिन्दू-मुस्लिम न होकर पहले वह भारतीय हो, जिसे खुद को हिन्दुस्तानी कहने पर गर्व हो, जो इंसानियत धर्म को मानता हो. और जो अन्याय, जुल्म की खिलाफत करना जानता हो, जो विवादित बातों से परे हो, जो दूसरी की भावनाओ का सम्मान करना जानता हो.

और इस परिवार में दोस्त, भाई,बहन, माँ, बेटी जैसे मर्यादित रिश्तो का मान रख सके.

धार्मिक विवादों से परे एक ऐसा परिवार जिसमे आत्मिक लगाव हो..........

मैं इस बृहद परिवार का एक छोटा सा सदस्य आपको निमंत्रण देने आया हूँ. यदि इस परिवार को अपना आशीर्वाद देने के लिए follower व लेखक बन कर हमारा मान बढ़ाएं...साथ ही मार्गदर्शन करें.


आपकी प्रतीक्षा में...........

हरीश सिंह


संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" www.upkhabar.in/

mridula pradhan said...

bahut achcha likhi hain.

Patali-The-Village said...

अनुपम शब्दावली, सुन्दर काब्य| धन्यवाद|

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आ कर.

आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभ कामनाएं!

सादर

हरीश सिंह said...

बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

रचना said...

aap ko ek email bheji haen
sampark karae