Monday, March 22, 2010

मुक्तक 37

घर में बिटिया का जन्म एक उत्सव बन जाता है.जब माँ अपने बच्चे को
पहली बार अपनी गोद में उठाती है तो उसे लगता है कि मानो सारा संसार ही
उसकी बाँहों में सिमटकर आ गया हो.देखिए माँ की इसी भावना को----

अभी चहका ही था आँचल में मेरे इक नया जीवन
बहारों का जो मौसम जा रहा था, फिर पलट आया
लिया था गोद में पहले-पहल जब अपनी बिटिया को
लगा था, विश्व जैसे मेरी बाँहों में सिमट आया .


डॉ. मीना अग्रवाल

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