जाने नदिया यह सपनों की जम क्यों गई
जाने मुसकान होठों पे थम क्यों गई
जन्म बेटी का होना अशुभ क्यों हुआ
किससे पूछूँ कि माता सहम क्यों गई !
ध्यान में है वो नादान लड़की अभी
झूठे वादे जो मन से लगाए रही
लौटकर फिर कभी जिसको आना न था
उसके स्वागत में पलकें बिछाए रही !
डॉ. मीना अग्रवाल
Monday, November 10, 2008
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1 comment:
जाने नदिया यह सपनों की जम क्यों गई
जाने मुसकान होठों पे थम क्यों गई
जन्म बेटी का होना अशुभ क्यों हुआ
किससे पूछूँ कि माता सहम क्यों गई
bahut hi badhiya
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